सौरभ राजपूत मर्डर केस: मुस्कान रस्तोगी ने नींद की गोलियां कैसे खरीदीं? 4 March 2025

सौरभ राजपूत मर्डर केस: मुस्कान रस्तोगी ने नींद की गोलियां कैसे खरीदीं?

सौरभ राजपूत मर्डर केस: मुस्कान रस्तोगी ने नींद की गोलियां कैसे खरीदीं? 4 March 2025

सौरभ राजपूत मर्डर केस: मुस्कान रस्तोगी ने नींद की गोलियां कैसे खरीदीं? 4 March 2025

मेरठ का चर्चित “सौरभ राजपूत मर्डर केस” एक खौफनाक कहानी है, जिसमें पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने मिलकर एक पूर्व मर्चेंट नेवी अधिकारी की हत्या कर दी। इस जघन्य अपराध में एक महत्वपूर्ण तत्व था – नींद की गोलियों का इस्तेमाल, जिससे सौरभ को बेहोश किया गया। सवाल यह उठता है कि मुस्कान रस्तोगी ने ये गोलियां कैसे खरीदीं? क्या यह अवैध रूप से हुआ या उसने किसी फार्मेसी से इन्हें खरीदा? आइए इस पूरी घटना को विस्तार से समझते हैं।

कैसे हुआ साजिश का खुलासा?

सौरभ राजपूत और मुस्कान रस्तोगी की शादी 2016 में हुई थी। कुछ सालों बाद, मुस्कान का अफेयर साहिल शुक्ला से शुरू हो गया। 2024 में दोनों ने सौरभ को मारने की योजना बनाई।

19 मार्च 2025 को पुलिस जांच में पता चला कि 4 मार्च को मुस्कान ने सौरभ के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं, जिससे वह बेहोश हो गया। इसके बाद, मुस्कान और साहिल ने चाकू से उसकी हत्या कर दी और शव के 15 टुकड़े कर उन्हें सीमेंट से भरे ड्रम में छिपा दिया​

सौरभ राजपूत मर्डर केस: मुस्कान रस्तोगी ने नींद की गोलियां कैसे खरीदीं?

मुस्कान ने नींद की गोलियां कैसे खरीदीं?

पुलिस जांच में यह सामने आया कि मुस्कान ने कई हफ्तों पहले ही नींद की गोलियां खरीदी थीं। भारत में नींद की दवाइयां आमतौर पर डॉक्टर के पर्चे (प्रेस्क्रिप्शन) पर मिलती हैं, लेकिन अवैध तरीके से भी इन्हें खरीदा जा सकता है। पुलिस दो संभावनाओं की जांच कर रही है:

  1. फार्मेसी से खरीदी गईं दवाइयां: मुस्कान ने संभवतः किसी स्थानीय मेडिकल स्टोर से नींद की गोलियां खरीदी होंगी। फार्मेसी रिकॉर्ड और CCTV फुटेज की जांच की जा रही है कि क्या उसे किसी डॉक्टर का प्रेस्क्रिप्शन मिला था या उसने बिना पर्चे के ही दवाइयां खरीदीं।

  2. ऑनलाइन खरीददारी या ब्लैक मार्केट से जुड़ाव: वर्तमान में कई वेबसाइट और टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए नींद की गोलियां बेची जाती हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या मुस्कान ने इंटरनेट के जरिए कोई दवा मंगवाई थी।

  3. सौरभ राजपूत मर्डर केस: मुस्कान रस्तोगी ने नींद की गोलियां कैसे खरीदीं?

हत्या के बाद किया गया कवर-अप प्लान

हत्या के बाद मुस्कान और साहिल ने सौरभ का मोबाइल अपने पास रखा और उसके सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट डालते रहे ताकि किसी को शक न हो। इसके अलावा, उन्होंने लोगों को यह बताया कि सौरभ कहीं बाहर घूमने गया है​

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पुलिस ने कैसे पकड़ा अपराधियों को?

जब सौरभ के परिवार ने लगातार फोन किया और जवाब नहीं मिला, तब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान, पुलिस को मुस्कान के व्यवहार पर संदेह हुआ। जब सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने और साहिल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और बताया कि शव सीमेंट से भरे ड्रम में छुपाया गया था। पुलिस को शव निकालने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग करना पड़ा​

निष्कर्ष

“सौरभ राजपूत मर्डर केस” न केवल एक निर्मम हत्या का मामला है बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपराध की साजिश को अंजाम देने के लिए किस तरह की प्लानिंग की जाती है। नींद की गोलियों के जरिये अपराध को अंजाम देना एक गंभीर मामला है और पुलिस इस पहलू पर भी गहराई से जांच कर रही है।

इस घटना ने कानून-व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि मुस्कान ने नींद की गोलियां बिना प्रेस्क्रिप्शन के खरीदी थीं, तो इससे फार्मासिस्ट की लापरवाही उजागर होती है। साथ ही, यह घटना दर्शाती है कि डिजिटल एविडेंस और फार्मेसी रिकॉर्ड्स कैसे अपराधियों को पकड़ने में मदद कर सकते हैं।

सवाल जो अब भी बाकी हैं:

  • मुस्कान को नींद की गोलियां कहां से और किससे मिलीं?

  • क्या फार्मेसी स्टोर उसे बगैर डॉक्टर की सलाह के दवा देने के लिए जिम्मेदार है?

  • इस तरह की दवाओं की अवैध बिक्री पर कैसे रोक लगाई जा सकती है?

पुलिस की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस हत्या से जुड़े और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

सौरभ राजपूत मर्डर केस: मुस्कान रस्तोगी ने नींद की गोलियां कैसे खरीदीं?

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